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"चालक दोस्त"

   

                   चालक दोस्त

very short/small story with moral for kids in hindi/ छोट़े बच्चों की नैतिक कहानी हिन्दी में । 

एक बार एक लोमड़ी और गधे की दोस्ती हो गई ।  गधा तो ठहरा गधा ! गधा तो स्वाभाव से सीधा-साधा।। परंतु लोमड़ी स्वाभाव  से बहुत ही चालाक और मतलबी किस्म की थी। लोमड़ी ने जानकर गधे से दोस्ती की ताकि वक्त आने पर गधे का फायदा उठाया जा सकें । यहां तक कि लोमड़ी सोच रही थी कि एक ना एक दिन मैं स्वयं ही इस गधे को मारकर खा जाऊंगी।

हमेशा की तरह दोनो साथ-साथ टहलने निकले। अचानक से एक भयानक शेर सामने आ धमका। शेर ने शिकार हेतु एक झपटा मारा और बोला ----  बताओ तुम दोनो में से पहले किसको खाऊ ??

लोमड़ी ने चालाकी दिखाते हुए कहा -- शेर राजा मुझे खाकर आपकी भूख थोड़े ही मिट़ेगी। आप तो महाबलशाली है ! और मैं तो छोटी सी हूँ । मेरा शिकार करना तो आपकी शान के खिलाफ़ होगा। ......   मेरे ख्याल से आपको इस बड़े से गधे को ही खा लेना चाहिए। ...... अंततः शेर, लोमड़ी की बातों में आ गया और  शेर ने गधे को मारकर गधे को ही अपना शिकार बनाया। और लोमड़ी चुपके से वहां से भाग गई । 

नैतिक शिक्षा-- 

दोस्त सोच-समझ कर ही बनाना चाहिए । याद रखें चतुर लोगो से दोस्ती करना अच्छी बात है, परंतु चालाक और मतलबी लोगो से दोस्ती करना, हमारे लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है।

   

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