मार्गदर्शन
short /small story for kids with moral in hindi/ छोटे बच्चों की नैतिक कहानी हिन्दी में
पुराने समय में एक चित्रकार था, जिसकी चित्रकारी दूर-दूर तक मशहूर थी।
एक दिन राजा ने चित्रकार को बुलाया और कहा -- तुम्हारी चित्रकारी की ख्याति दूर-दूर तक फैली है अतः हम भी तुमसे अपना चित्र बनवाना चाहते है। परंतु याद रखना चित्र बहुत अच्छा बनना चाहिए।
अब चित्रकार उलझन में पड़ गया क्योंकि राजा बायी आँख से काना था और यदि वह राजा का हूबहूब चित्र बनाता तो राजा स्वयं को काना देखकर क्रोधित भी हो सकता था। और यदि वह हूबहू चित्र नहीं बनाता है तो भी राजा नाराज हो जाएगा और सजा दे देगा।
अंततः चित्रकार अपने गुरू से सलाह लेने गया। गुरु ने शिष्य की उलझन दूर करते हुए कहा कि तुम राजा का ऐसा चित्र बनाना ""जिसमें राजा शिकार करते हुए हो, क्योंकि जब भी कोई शिकार करता है तो उसकी एक बायी आँख आवश्यक रूप से बंद हो जाती है। ....... इस प्रकार जब राजा का चित्र बनेगा तो शिकार की वजह से राजा की एक कानी आँख बंद करते हुए चित्र बनाना।""
चित्रकार ने ऐसा ही किया। उसने राजा की शिकार करते हुए बहुत सुन्दर तस्वीर बना दी। राजा तस्वीर देखकर बहुत खुश हुए । राजा ने यह तस्वीर अपने महल की दीवार पर लगवाई। और चित्रकार को बहुत सारा ईनाम दिया गया ।
नैतिक शिक्षा--
कठिन परिस्थितियों में बड़ो का मार्गदर्शन लेना चाहिए । यदि गुरू का सही मार्गदर्शन मिले तो बड़ी से बड़ी उलझन भी सुलझ सकती है।
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