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"दो मटके"

 


                    दो मटके

very short hindi story with moral for kids/ छोटे बच्चों की नैतिक कहानी हिन्दी में 

एक बार गाँव में भयंकर बाढ़ आ गई । इस बाढ़ के पानी में दो मटके तेरे जा रहें थे। एक मटका मिटटी का था तो दूसरा पितल का । 

जैसे ही पितल का घड़ा मिट्टी के मटके के पास आता वेसे ही मिट्टी का मटका दूर चला जाता ।

आखिरकार पितल के घड़े ने मिट्टी के मटके से बोल ही दिया --  अरे भाई !! कँहा दूर बहें जा रहें हो ?? चलो हम दोनो साथ -साथ ही चलते है और आगे बढ़ते है।

मिट्टी के मटके ने तिरछी नज़र से देखा और कहा --  नहीं, नहीं भाई !! मुझे तो अलग दिशा में जाना है। और मिट्टी का मटका तेज़ी से आगे बढ़ गया। 

चलते-चलते मिट्टी के मटके ने मन ही मन में विचार किया -- " ज्यादा शक्तिशाली लोगो से दूर रहना ही उचित होता है। आगे जाकर यही पितल का घड़ा मुझसे बार-बार टकराता और मुझे ही चकनाचूर कर देता। "

नैतिक शिक्षा -

यदि किसी से खतरा महसूस हो रहा हो तो उससे दूर रहो। खतरे का पूर्वानुमान होने पर यदि सही निर्णय लिया जाएं तो हम सुरक्षित रह सकते है।

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