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"टुकटुक और कुटकुट"

 


           टुकटुक और कुटकुट

Short story with moral for kids in hindi/ छोटे बच्चों की छोटी नैतिक कहानी हिन्दी में 

आज टुकटुक और कुटकुट नामक दो नन्हें चूजें झाडियों के बिच में बने घर से बाहर आए। खुली हवा, नीला आसमान, तालाब, फूल, तितली यह सब देखकर दोनो बड़े खुश हो रहें थे।

 उनकी माँ किट्टू मुर्गी दाना लेने बाहर गई थी तभी दोनो चुपके से घर से बाहर निकले थे। उनकी माँ ने घर से बाहर निकले से मना कर रखा था, किंतु दोनो चुपके से माँ के जाने के बाद अक्सर धीरे-धीरे बाहर आने जाने लगे।

दोनो सैर करते-करते दूर निकल गए। अचानक एक बडा सा बंदर सामने आ धमका। बंदर ने दोनो को अपने पंजों से जकड़ कर ऊपर उठा लिया। दोनो चूजों का डर के मारे बुरा हाल था। अंततः दोनो बेहोश हो गए।

दोनो को जब होश आया तो दोनो अपने घर में थे। उन्हें लगा मानो वो कोई बूरा सपना देख रहें थे।

 तभी माँ ने आवाज लगाई । घूम आए दोनो ?? कैसी रहीं तुम्हारी सैर,यात्रा। माँ ने मुस्कुराते हुए पूछा।

टुकटुक और कुटकुट को कुछ समझ नहीं  आ रहा था कि यह सब क्या है? धीरे-धीरे  दोनो को कल की घटना याद आ गई। तभी दोनो ने हिम्मत करके माँ को सब सच बता दिया ।

हम घर से बाहर निकले थे और रास्ते में एक भयानक बड़ा सा बंदर मिला और हम बेहोश हो गए थे। परंतु घर कैसे पहुंच गए और माँ को कैसे पता चला?? हम जिंदा कैसे बच गए?? ......  दोनो यहि सब सोच रहें थे। 

माँ ने कहा -- मुझे सब पता चल चुका है। वो तो अच्छा हुआ कि तुम्हें रास्ते में मंगलू बंदर मिला, जो कि मेरा दोस्त है और मैने ही उससे कहा था कि मेरे पीछे मेरे इन दोनो नटखट नन्हें चूजों का ध्यान रखने के लिए।  वो ही तुम दोनो को घर छोड़ कर गया था।

सोचो अगर मंगलू बंदर की जगह तुम दोनो को कोई ओर बड़ा भयानक जानवर मिल जाता तो तुम्हारा क्या हाल होता ?? यह कहते कहते माँ किट्टू मुर्गी की आँखो में आँसूं आ गए।

माँ को रोता देख व बिते दिन की घटना से सबक लेकर दोनो चूजों ने माँ से माफी मांगते हुए कहा कि अब हम समझ चुके है कि आप हमें सुरक्षित रखने के लिए ही बाहर जाने से मना करती थी। हम अब कभी भी बिना बताए बाहर नहीं जाएंगे। यह कहते हुए टुकटुक और कुटकुट दोनो ही अपनी माँ के गले लग गए । 

नैतिक शिक्षा  -- 

माता-पिता सदैव अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते है और इसलिए ही कुछ दायरें व सीमा बनाते है। बच्चों को हमेशा माता-पिता की बात माननी चाहिए और उनके बनाए नियम को मानना चाहिए, अन्यथा बाहरी दुनियाँ की चकाचौंध के लालच में कभी-कभी हमें जान का खतरा भी बन जाता है।



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