Advertisement

Responsive Advertisement

" प्रार्थना का महत्व " very short /small story with moral for kids in hindi/बच्चों की छोटी नैतिक कहानी


               प्रार्थना का महत्व

आज फिर रिंकू दादाजी के समक्ष पूजाघर में बैठा अधमूंदी आँखों से भगवान के सामने प्रार्थना कर था। 

रिंकू कभी एक आँख खोलकर भगवान को देखता तो कभी दादाजी को । जेसे ही दादाजी ने अपना ध्यान पूरा कर आँखे खोली रिंकू ने तत्काल ही दादाजी से पूछा -- 

 " दादाजी भगवान का ध्यान करने से क्या होता ??"

दादाजी बोले --   भगवान का ध्यान करने से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। हमें  अपने किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए जिस एकाग्रता की जरूरत होती है, उसके लिए ध्यान एक अभ्यास है।

रिंकू ने पूछा  --    और आप जो मुझे रोज कहते हो भगवान से प्रार्थना करो, तो प्रार्थना क्या है??

दादाजी ने जवाब  दिया --  भगवान से प्रार्थना मतलब ईश्वर के समक्ष अपनी अर्जी यानी हर मुश्किल घड़ी से ऊबारने में  हमारी मदद करने की याचना ।

रिंकू ने पुनः पूछा   --  पर दादाजी दुनियां तो बहुत बड़ी है और इस दुनियां में बहुत सारे लोग और भगवान तो हमसे बहुत दूर भी तो है, फिर इतने सारे लोगो के बिच वो हमें केसे पहचानेगें, क्या वो हमें ढूंढ सकेंगे ??

दादाजी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया -- 

बिल्कुल भगवान हमें जरूर पहचान लेंगे।  जिस प्रकार एक छोटी सी चींटी खाने की खुशबू से ही खाने की वस्तु तक पहुंच ही जाती है और कभी-कभी तो किचन के इतने सारे डब्बों और बर्तनो के बिच भी चींटी शक्कर का डब्बा ढूंढ ही लेती है , उसी प्रकार हमारी प्रार्थना की शक्ति रूपी ख़ुशबू से ईश्वर हमें ढूंढ ही लेते है।......

"लेकिन एक बात हमेशा याद रखना मेरे बच्चे ईश्वर ईमानदारी और सच्चाई से भरी निःस्वार्थ प्रार्थना को ही पहचानते है और सिर्फ उसे ही स्वीकार करते है।"

दादाजी से सवालो के जवाब पाकर रिंकू  मुस्कुराते हुए ईश्वर के सामने दोनो हाथ जोड़ते हुए नमस्तक हो गया। 


नैतिक शिक्षा -- बच्चों के सवालों  के जवाबो में ईमानदारी और सच्चाई के महत्व के साथ ही उन्हें सकारात्मक आस्था की ओर अग्रसर करें ।





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ