Majedar Rochak kahani in hindi / मजेदार रोचक कहानी हिन्दी में ।
""♦️पहचान ♦️""
Majedar RochaK kahani in hindi / मजेदार रोचक कहानी हिन्दी में
1
एक राजा के दरबार में "नारायण " नामक एक व्यक्ति आया । उसने राजा से कहा -- महाराज, मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है। 🙏
मुझे कोई काम दे दीजिये महाराज, ताकि मैं अपनी रोज़ी-रोटी कमा सकूं ।🙏
राजा -- हाँ, हाँ हम तुम्हें काम पर जरूर रख लेंगे, परंतु पहले अपने बारें में बताओ। तुम्हें क्या काम दे सकते है, हम ??
तुममे क्या खासियत है ??.....
नारायण -- महाराज, मुझमे जो खासियत है, वो यहाँ किसी में भी नहीं है।
राजा --- 🤔 हहहमममम
नारायण --- हाँ महाराज , मैं सच कह रहा हूँ ।
राजा -- अच्छा !! .....तो बताओ तुम्हारी खासियत।
नारायण -- महाराज , "मैं किसी का भी चेहरा देखकर उसके बारे में बता सकता हूँ । " .........चाहे कोई पशु हो या कोई इंसान, मैं शक्ल से ही सबके बारें में बता सकता हूँ ।
राजा -- अच्छा !! ....... वाकई (आश्चर्य से )
फिर राजा ने उस व्यक्ति को घोड़े के अस्तबल में घोड़ो 🐎 की देखरेख का कार्य दे दिया।
एक दिन राजा अपने घोड़े का रख-रखाव देखने अस्तबल पर आयें ।
राजा : --- जानते हो नारायण, यह हमारा सबसे प्रीय घोड़ा है। ( राजा ने एक घोड़े की तरफ इशारा करते हुए कहा। ) 🐎 ................."यह घोड़ा हमने बड़े ऊँचे दामो में खरीदा था। यह बहुत ही तेज़ दोड़ने वाला लाजवाब नस्ली घोड़ा है।"
तुम तो काफ़ी समय से घोडे के इस अस्तबल में कार्य कर रहें हो,..... तुमने हमारे इस प्रीय घोड़े 🐎 में क्या विशेषता देखी ??????
नारायण : ---- 🙏माफ करना महाराज, "आपका यह प्रीय घोड़ा नस्ली नही है, मैं तो आपके घोड़े में यही देख पाया। .............. यह सही नस्ली घोड़ा नहीं है।"😴😮
राजा -- अरे ! .... 🤔🤨 तुम यह क्या कह रहें हो, हमने तो यह घोड़ा बहुत ही ऊँचे दामों में खरीदा था।
नारायण : -- तो आप सच पता लगा लीजिये, महाराज ।
राजा -- हाँ, हाँ । .............(थोड़ी ही देर बाद घोड़े बेचने वाले व्यक्ति को बुलाया गया। )
राजा ने घोड़ा बेचने वाले व्यक्ति से कहा ---
जो घोड़ा तुमने हमें बेचा है ,क्या वह असली नस्ली घोड़ा नहीं है।
जो है, सो सच सच बात बताओ । वरना तुम्हारी सज़ा पक्की है।
घोड़े का मालिक 😨 -- घोड़े का मालिक घबराता हुआ झेंपे जा रहा था । 😯र न....न ... हहही ।....हाँ हाँ । 😔
महाराज , जब यह घोड़ा 🐎 छोटा था तभी इसकी माँ मर गई थी। मैने तो गाय का दूध पीला-पीला कर इस घोड़े को जैसे - तैसे बड़ा कीया ।
इसे हष्ट-पुष्ट बनाया और ऊँचे दामों में आपको बेच दिया । इस घोड़े में कोई कमी हो तो मुझे माफ़ कर दीजिए महाराज ।🙏🙏
घोड़े के मालिक ने सच बात बता दी थी ,सो राजा ने उसको वापस रवाना कर दिया ।
राजा ने नारायण से पूछा -- तुम्हें कैसे पता चला कि घोड़ा नस्ली नहीं है ....
नारायण बोला -- महाराज, "जब भी मैं घोड़े को कुछ भी खिलाता तो यह घोड़ा गाय के भांति निचे मुंह करके चब.. चब ..चब.. चबाता हुआ खाता है" .......... जबकी घोड़े ऊपर मुंह करके चबाते हुए खाते है। बस इसकी इसी आदत से मैं पहचान गया।
राजा जवाब सुनकर बड़ा प्रभावित हुआ। अरे ! तुम तो बहुत कमाल के आदमी हो।
राजा ने खुश 😄 होकर नारायण को बहुत सारी ""भेड़-बकरी और गाय-भैंस "" ईनाम में दी ।
तुम्हें हम अपने दरबार में नोकरी देते है।
कल से तुम हमारे दरबार में आया करना। तुम हमारे विशेष सलाहकार नियुक्त किये जाते हो।
2
दूसरे दिन से नारायण रोज दरबार में आकर कार्य करता । एक दिन राजा के मन में जिज्ञासा जागी।
राजा -- नारायण क्या तुम महारानी के बारें में कुछ बता सकते हो ????
नारायण -- हाँ, महाराज बिल्कुल परंतु महाराज इसके पहले मैं आपसे जान की सलामती का वादा लेना चाहता हूँ ।
राजा ने मन ही मन विचार किया🤔🤔 कि ऐसी कौन सी बात हैं महारानी के बारें में, कि यह व्यक्ति जान की सलामती मांग रहा है। राजा की उत्सुकता बढ़ गई । अतः राजा ने नारायण से उसकी जान की सलामती का वादा कर दिया।
राजा ने कहा -- ठीक है नारायण, हम तुमसे तुम्हारी जान की सलामती का वादा करते है। 🤝🤝👍 अब कुछ बताओ हमारी महारानी के बारें में ..............
नारायण -- महाराज, मैं महारानी के बारें में दांवे के साथ कह सकता हूँ कि "" महारानी साहिबा खानदानी नहीं है। ""
राजा आग बबूल हो गयें और बोले -- तुच्छ व्यक्ति हमने तुम्हारी थोड़ी तारीफ क्या कर दी , तुम तो मनगढ़ंत बातें बनान लगें ।.....
महारानी तो बहुत ऊँचे कुल की और हैसियत में हमसे भी ऊँचे खानदान की लड़की है। अगर महारानी ने सुन लिया तो आफत आ जाएंगी।
नारायण -- तो आप सच पता लगा दीजिये महाराज । मैने तो जो है,सो सच कहा ।
राजा -- ठीक है।.......... दूसरे दिन महारानी की माँ को राज्य में बुलवाया गया
........ आदरणीय पूर्वक राजा ने पूछा -- माताश्री आप सच-सच बताएं कि क्या महारानी खानदानी नहीं है।
महारानी की माँ पहले तो आना - कानी करती रहीं परंतु राजा के दबाव में उन्होंने सच बता दिया।
राजा -- जो है,सो सच बता दीजिए ।
महारानी की माँ ने कहा -- बेटा , तुम सही कह रहें हो। यह जो महारानी है, वो हमारे खानदान की नहीं है।..............हमारी एक पुत्री हुई थी, जो कि छः माह में ही शांत हो गई थी। और हमने पुत्री मोह में अपनी दासी की पुत्री को गोद ले लिया।
यह बात हमने किसी से भी नहीं बताई।
राजा -- बड़ा हैरान हो गया।
राजा ने नारायण से आश्चर्यचकित होकर पूछा -- .... ""इतना बड़ा और इतना गोपनीय सच तुम्हें कैसे पता चला ??""
नारायण -- महाराज,.🙏 जो है,सो सच बोल रहा हूँ । वास्तव में महारानी का बर्ताव अपने दास-दासियों के प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं ।
"एक खानदानी महारानी में दया, कोमलता, और अपने दास-दासियों के प्रति उदारता का व्यवहार होता है। जो कि इस राज्य की महारानी में नहीं है।"
इसलिए मैं समझ गया कि महारानी खानदानी तो नहीं है।
राजा नारायण का जवाब सुनकर आश्चर्यचकित रह गया 😳😳 लेकिन राजा खुश था कि इतना होनहार व्यक्ति उसके राज्य में है।
राजा ने खुश होकर नारायण को ईनाम दिया। ईनाम में राजा ने पहले की तरह """बहुत सारी भेड़-बकरियां और गाय-भैंस ईनाम में दी, """"ताकि इनसे नारायण की आमदनी बढ़ सकें ।
3
अब फिर से सामान्य तरीके से दिन बीत रहें थे कि राजा को फिर जिज्ञासा हुई और राजा ने नारायण को बुलाया।
राजा बोला -- नारायण आज हम अपने स्वयं के बारें में जानना चाहते हैं । तुम कुछ हमारे बारें में बताओ ........
नारायण बोला -- महाराज, गलती माफ़ हो परंतु पहले मैं अपनी जान की सलामती का वादा चाहता हूँ ।
राजा -- अरे बाप रे !😱😱 .....जब -जब यह नारायण जान सलामती का वादा करवाता है,तब -तब कोई न कोई गंभीर बात अवश्य होती है।🙄
यह मेरे बारें में ऐसा क्या बताने वाला है।
राजा बोला -- ठीक है नारायण, हम तुमसे तुम्हारी जान की सलामती का वादा करते है।🤝🤝👍 अब बताओ हमारे बारें में ।
नारायण बोला --- महाराज, मैं यह बात दांवे के साथ कह सकता हूँ कि आप खानदानी राजा नहीं है। अर्थात राजा-महाराजाओं के खानदान से नहीं है।
राजा 😡-- क्रोधित होकर जोर जोर से चिल्ला कर कहने लगा -- अरे मूर्ख !! .... तेरी मेने थोड़ी सी तारीफ क्या कर दी, तु, तो मेरे बारें में ही मनगढ़ंत बातें बनाने लगा।
मेरे दादा-परदादा और इससे भी पहले के मेरे सारे पूर्वज शाही-खानदानी राजा थे,और इस बात को सभी लोग जानते है। एक तु ही मूर्ख है, जिसे हमारे खानदान के बारें में पता ही नहीं ।😡
नारायण बोला -- महाराज 🙏 , जो है, सो सच बोल रहा हूँ ।
मैं जानता था आप क्रोधित होगें इसलिए मेने जान की सलामती मांगी।
महाराज आप सच पता लगा दीजिये ।
राजा बोला -- हाँ, हाँ, मैं सच जरूर पता लगाऊंगा । और यदि बात गलत निकली तो, मैं तुम्हें मृत्युदंड दे दूंगा ।
राजा दौडे-दौड़े अपनी माँ के पास गया और माँ से आपने खानदान के बारें में पूछा --..... माँ जो है, सब सच बताओ।😐
राजा की माँ बोली 👵 :-- बेटा, ""यह सच है कि तुम इस खानदान में जन्में बच्चे नहीं हो, तुम इस खानदान में पले- बड़े हुए हो।""
"हमारी तो कोई संतान थी नहीं, सो तुम्हें, हमने एक चरवाहे से गोद ले लिया था।"
पर बेटा यह सब बीतीं बाते है, इन्हें भूल जाओ और अपना शासन संभालो।
राजा माँ के चरणों छूकर वापस आ गया।
अब राजा ने पुनः नारायण को बुलवाया और पूछा ---- नारायण तुम तो बहुत कमाल के आदमी हो। 🤗 "मेरे जीवन का इतना बड़ा सच, आज मैं तुम्हारी वज़ह से ही जान पाया। परंतु तुमको यह बात कैसे पता चली कि मैं इस खानदान का नहीं हूँ ।"
नारायण बोला -- महाराज 🙏 , आप जब भी किसी बात पर प्रसन्न होते है, तो ईनाम में आप भेड़-बकरी 🐑🐑, गाँय- भैंस 🐂🐃 आदि देते हो, जबकि असली खानदानी राजा-महाराज सोने-चाँदी, हिरे-जवाहरात देते है। 😔
आपने हर बार मुझे भी यहीं ईनाम दिया। 🤨............बस आपकी इसी आदत से मैं समझ गया कि आप खानदानी राजा नहीं हो सकते।😨
राजा -- 😳😳 🙄🙄💤💤
थोड़ी देर उस कमरे में सन्नाटा छा गया
🤔🤔🤫🤫🤫🤫🤔🤔🤔🤫🤫
राजा को समझ नहीं 😇 😇आ रहा था कि राजा नारायण की पारखी नज़र🧐 और सुझ-बुझ से खुश होवें😉..... या नारायण द्वारा अपनी आदरपूर्वक की जाने वाली आलोचना पर क्रोधित होवें।😬😉.......
नारायण मासूम सा चेहरा बनाये हाथ जोड़कर 🙏, राजा के सामने खड़ा था। 😐😐
राजा ने एक नज़र नारायण पर डाली और बोले :-- "मूर्ख नारायण"......अब ईनाम में में क्या लोगें ????? और राजा मुस्करा दिये।😃😄
राजा ने इस बार नारायण को सोने-चाँदी 📿💍📿💎 ईनाम में दियें ।
राजा बोला🤨😏- अब तो हम खानदानी राजा बन गये ना ??? .. क्यूं नारायण, क्या कहते हो।😃
""अब राजा और नारायण दोनो मुस्करा रहें थे☺☺""
नारायण बोला -- महाराज 🙏 की जय हो।😉😉
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️
:: मोरल ऑफ स्टोरी ::
किसी की भी "पहचान "उसके गुणो से होती है।..................यह कहानी हमें बताती है कि हम चाहें कितने भी बड़े आदमी बन जाएं, हमारा व्यवहार और हमारे गुण ही होते है, जो हमारे व्यक्तित्व को वास्तविकता प्रदान करते है।.........हम चाहे किसी भी परिवेश में हो, सदा सरल रहें , उदार रहें।🙏
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️
0 टिप्पणियाँ