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आप हैरान रह जाएगें जब प्याज के छिलको के इन बेहतरीन फायदों के बारे में जानेगें ।



आप हैरान रह जाएगें जब प्याज के छिलको के इन बेहतरीन फायदों के बारे में जानेगें।नहीं फैकेगें प्याज के छिलके:




सभी घरो 🏡 में प्रायः प्याज का उपयोग होता ही है। फिर इसका इस्तेमाल चाहे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए हो या फिर सलाद में पोषक आहार के रूप में हो। सामान्यतः प्याज का उपयोग हम छिलकर करते है।और इसके छिलको को व्यर्थ समझकर फैंक देते है। शायद हममे से बहुत कम लोग ही प्याज के छिलको के लाभ के बारें में जानते हो। परंतु प्याज के यह छिलके बहुत ही पौषक तत्व से युक्त होते है। और यह बहुत ही किफायती घरेलु उपचार है। तो आज हम अपने इस ब्लॉग " टैक हिंदी किस्से, कहानी, पकवान " में प्याज के छिलको के इन्हीं गुणो के बारे में जानेगें जो कि हमारे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकते है।







पौषक तत्व  -- प्याज के छिलको में विटामिन A,E,C, पाये जाते है। यह एंटीआक्सीडेंटस से भरपूर होता है। प्याज के छिलको मेें बेहतरीन हीलिंग प्रोपर्टीज होती है। यह एक  एंटीइंफ्लेमेटरी भी है। इसमें फ्लेवेनोइडस और एंटीफंगल गुण पाए जाते है। इसमे किसी भी तरह के इन्फेंक्शन को कम करने का विशेष गुण होता है। यह त्वचा और बालो के लिए वरदान है। यह कोलेस्ट्राल को कम करते है व इम्यूनिटी पावर को बढ़ाते है।





         आँखो की रौशनी बढ़ाने मेें सहायक


 प्याज के छिलको में विटामिन Aऔर Cभरपूर मात्रा में होता है जो कि आँखों के लिए जरूरी तत्व होते है। यदि आँखो की रौशनी बढ़ाना चाहते है तो रात में सोने के पहले प्याज के छिलको की चाय पी जा सकती है। या फिर धोकर साफ किये हुए प्याज के छिलको को रात भर के लिए सादे पानी में भीगो दे व सुबह खाली पेट इसे पीएं। इससे आँखो की रौशनी में इजाफा होता है।




               इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार

प्याज के छिलको में मौजूद विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट है। जो प्राकृतिक रूप से शरीर की इम्यूनिटी  को बढ़ाने में मददगार होता है। अतः इसका सेवन शरीर की इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में किया जा सकता है। इससे शरीर में विटामिन सी की कमी की पूर्ति भी होगी।




          सर्दी-खांसी दूर करने में फायदेमंद

प्याज के छिलको में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीआक्सीडेंट गुण होने के कारण ही यह प्याज के छिलके सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू के लक्षणो को बढ़ने से रोकते है। यह मौसमी संक्रमण के खतरे को भी प्रतिबंधित करते है।




      जोडो के दर्द और मसल्स की ऐंठन में राहत

 जब भी शरीर में घूटनो के जोडो का दर्द हो या मसल्स में ऐंठन महसुस हो तो कम से कम हफ्तें भर के लिए प्याज के छिलको की चाय बनाकर सोने के पहले इसका सेवन करें। ऐसा करने से जोडो के दर्द व मसल्स ऐंठन में मदद मिलती है। हर रात सोने के पहले एक कप इसकी चाय पिएं और आप स्वयं फर्क महसूस करेगे।




            वजन कम करने में कारगर

यदि वजन कम करना चाहते है तो प्याज के छिलको से बनी चाय का प्रयोग करें। इस चाय में कैलोरी बहुत कम होती है और इसीलिए इस चाय ☕का प्रयोग कम कैलोरी पेय के रूप में किया जाता है। यह चाय अच्छी निंद के साथ शरीर के अतिरिक्त वसा या फैट को कम करने में सहायता करती है।




       दिल या हार्ट के लिए फायदेमंद चाय

प्याज के छिलको में फ्लेवोनोइडस मौजूद होता है जो हमारे शरीर में दिल या हार्ट के लिए अच्छे माने जाते है। और यह कोलेस्ट्राल को कम करने में भी सहायता करते है।                       इसके लिए धोकर साफ किये हुए प्याज के छिलको को रात भर के लिए सादे पानी में भिगोकर रख दे व सुबह इस पानी को छलनी से छान ले और इस पानी को सुबह खाली पेट ही पीए। ऐसा करने से शरीर में कोलेस्ट्राल का सही संतुलन बना रहता है।




           त्वचा की खुबसूरती को बढ़ाता है

 प्याज के छिलको में विटामिन ई और सी बहुत अधिक होता है और ये दोनो विटामिन्स त्वचा को खुबसूरत बनाये रखने के लिए आवश्यक होते है। अतः यदि हम प्याज के छिलको में उबाले गए पानी का प्रयोग त्वचा पर मसाज के तौर पर करते है तो इससे त्वचा ग्लो करने लगेगी। इन छिलको में एंटीफंगल का गुण भी होता है,जो त्वचा में होने वाली खुजली,फोड़े-फूंसी और यहां तक कि मुंहासो को भी ठीक करने और इन्हें प्रतिबंधित करने में बहुत असरदार होते है। 



   बालो को शाइन और मजबूती प्रदान करने में

यदि बालो में रूखापन है और रूसी या डेंड्रफ है। बाल बढ़ नही रहें है, तो इस समस्या के समाधान हेतु प्याज के छिलको का प्रयोग आप कर सकते है। इससे बालो का रूखापन दूर होगा। बालो से रूसी समाप्त होगी, बालो को मजबूती मिलेगी और साथ ही साथ बाल मुलायम और शाइनी बनेगें।

प्याज के छिलको को पानी में 10-15 मिनट उबाल कर गाढा कर ले और ठंडा होने पर इसका प्रयोग बालो पर करें। यह एक कंडीशनर की तरह कार्य करता है।


                  

            त्वचा संबंधी परेशानीयाँ दूर

प्याज के छिलको में हीलिंग प्रोपर्टीज होती है, जो त्वचा में होने वाली जलन,खुजली व अन्य समस्या का समाधान कर सकती है। इसके लिए प्याज के छिलको की परत थोडी मोटी काटे और एक चुटकी हल्दी मिलाकर इसे प्रभावित स्थान पर रब करें या हल्का-हल्का रगड़े।      



             खुजली की समस्या से निजात

प्याज के छिलको में एंटीफंगल गुण होते है जो खुजली में राहत का कार्य करते है। यदि आप खुजली की समस्या से परेशान है तो खुजली वाले स्थान पर प्याज के छिलको के पानी को लगाए। इसके लिए लगभग दो कप पानी में प्याज के छिलको को उबाल ले और जब पानी आधा कप या इससे भी कम बचा हो तो इसे उबालना बंद कर दे। और इस पानी का प्रयोग प्रभावित स्थान पर करें।

किसी कीड़े के काटने पर प्याज को बिच में से काटकर प्रभावित स्थान पर रगड़े इससे तुरंत राहत मिलती है।





       गले की खराश दूर करने में प्रभावी

यदि किसी को गले में खराश रहती तो यह प्याज के छिलके गले की खराश की समस्या को यकीनन दूर कर सकते है। चूंकि प्याज के छिलको में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते है जो कि इंफेक्शन दूर करने में कारगर होते है। इसके लिए प्याज के छिलको के पानी से गरारे करें। यह गले में दर्द और सूजन को दूर करने में मददगार होते है। 

खराश दूर करने के लिए प्याज के छिलको को अच्छे से पानी से धो ले पहले फिर इसे सादे पानी में 10 से 15 मिनट के लिए उबाल ले और छानकर इसे गुनगुना कर ले और इससे गरारे करें।

 



कैसे बनाए प्याज के छिलको की चाय 


सामग्री 

प्याज के छिलके --  4   मध्यम आकार के प्याज के

पानी   --  2 कप

शहद --  1 चम्मच या स्वादानुसार


नोट़--    प्याज के छिलको का उपयोग करने के पहले छिलको को साफ पानी से दो से तीन बार अच्छी तरह से धो ले । चाहे तो थोड़ी देर छिलको को पानी में ही गला कर रखे फिर इसे धो कर एक छलनी में निकाल कर रख ले। ताकि छिलके अच्छे से साफ हो जाए।




बनाने की विधि -- 


 साफ पानी से धुले हुए प्याज के छिलको को एक बाउल में निकाल कर रख ले। गैस आन करके एक पैन में दो कप पानी लेकर उसमे प्याज के छिलको को डालकर अच्छे से उबाले। जब पानी का रंग बदल जाए और पानी गाढ़ा हो जाए तो गैस बंद कर दे। अब इस चाय को छान ले और इसमे शहद मिलाकर गरम-गरम सर्व करें ।



नोट़-

किसी भी तरह तरह का घरेलु प्रयोग शुरू करने के पहले अपने शरीर की स्थिती को समझे कि शरीर पर यह प्रयोग कितना प्रभावी होगा। क्योंकि सभी के शरीर की तासीर व व्यवहार अलग-अलग होता है। इसके लिए कोई भी प्रयोग शुरूवात में कम से करें व समय के अंतराल में करें। 

शरीर में किसी बड़ी बिमारी के होने व किसी भी बड़ी बिमारी के उपचार के दौरान कोई भी नया प्रयोग ना करें या इसके पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले। 








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