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कलौंजी क्या है या कलौंजी किसे कहते है?और किन दूसरे नामों से जाना जाता है कलौंजी को ? इसके फायदें क्या है?

 


कलौंजी क्या है या कलौंजी किसे कहते है?और किन दूसरे नामों से जाना जाता है कलौंजी को ? इसके फायदें क्या है?



कलौंजी--भारतीय मसालो में शामिल कलौंजी औषधीय गुणो युक्त होती है। कलौंजी का प्राचीन भारतीय मसालो में विशेष स्थान है परंतु फिर भी कुछ लोग इसे नहीं पहचान पाते है।स्वाद में कड़वी लगने वाली कलौंजी जीरे के आकार से भी छोटे काले दाने होते है। तो आज हम अपने इसी ब्लॉग "टैक हिंदी, किस्से, कहानी,पकवान" मे इसी स्वास्थ्यवर्धक कलौंजी के बारे में जानेगे। दाल, सब्जी, नान, बेड, केक,सभी प्रकार के आचार में स्वाद बढ़ाने के लिए कलौंजी का उपयोग किया जाता है। आचार बनाने में विशेष रूप से इसका प्रयोग होता है। 

 




तालिका


कलौंजी क्या है ? (कलौंजी किसे कहते है? )


कलौंजी का दूसरा नाम क्या है ?कितने नामो से जाना जाता है कलौंजी को?


कलौंजी मे कौन से पोषक तत्व पाए जाते है?


कलौंजी के क्या फायदे है ?






कलौंजी क्या है ? (कलौंजी किसे कहते है?) 


वास्तव मे कलौंजी एक पौधे 🌱 का नाम है जिसमे औषधीय गुण होते है। यह पौधा रेननकुलेसी कुल का पौधा है। कलौंजी के पौधे की उँचाई 12 इंच  के लगभग होती है। इस पौधे के फलो के बीजो को ही कलौंजी कहा जाता है। यह पौधा भारत मे सभी जगह पाया जाता है। इसके काले रंग के बीजो को ही हम आम बोलचाल मे कलौंजी कहते है। इसके बीज तील के दाने के समान दिखते है व गहरे काले रंग के होते है,जो कि अंडानुमा आकार के होते है।




कलौंजी को किन दूसरे नामो से भी जाना जाता है? 



कलौंजी का वैज्ञानिक नाम- NIGELLA SATIVA (नैजल्ला सटाइवा)



कलौंजी का अंग्रेजी नाम- नैजल्ला सीड्स (Nigella seeds) इसे अंग्रेजी मे ब्लेक कुमीन(Black cumin) भी कहा जाता है।


कलौंजी का मराठी नाम - मंगरेला या कल्ला कल्ला के दाने


कलौंजी का भोजपुरी नाम-  भोजपुरी में मंगरेला कहते है।


कलौंजी का तमील नाम--  क़रूण जिरागम


कलौंजी का तेलगु नाम -- नल्ला जीराकारा


कलौंजी का मलयालम नाम-- करीम जिरकम


कलौंजी का बंगाली नाम--   मुगरेला 


कलौंजी का गुजराती नाम ---  कलौंजी ही है।

 

कलौंजी का बंगला नाम --कालाजीरा 


इसके अतिरिक्त कलौंजी को  आशीष के बीज,कालाजीरा, ब्लेक ओनियन सीडस भी कहा जाता है। इसे ब्लेक ओनियन सीडस यानी प्याज के बीज कहा जाता है परंतु यह  प्याज के बीज नही होते है।






कलौंजी में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते है?


कलौंजीके बीजो मे बहुत अधिक मात्रा में  crude फाइबर, कैल्शियम,पोटेशियम,अमीनो एसीड,आयरन,सोडियम,  मैग्नीशियम,वसा,प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट होता है।इसमे बहुत सारे विटामिन्स जैसे -- विटामिन्स  A, B, B12, विटामिन्सC भी पाये जाते है।  कलौंजी का तेल दूसरे तेलो की अपेक्षा बहुत अधिक फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमे Essential fatty acid, विटामिन्स,मिनरल्स, 17%  प्रोटीन, 26% कार्बोहाइड्रेट, 57% प्लांट्स फैट पाया है। 




कलौंजी के फायदें क्या है ?


विशेष खाद्य मसालो में शामिल कलौंजी के फायदे जायका बढाने के अतिरिक्त शारीरिक रोगो को दूर करने में भी है। यह छोटी सी दिखने वाली कलौंजी के अनेको फायदें है। तो चलिए जानते है इसके सेवन के फायदों के बारे में।



                   कफ दूर करने में कारगर 

कलौंजी कफ नाशक होती है। इसकी तेज तिक्षण प्रवृत्ति सर्दी-जुकाम मे राहत का कार्य करती है। सर्दी-जुकाम मे कलौंजी के कुछ दानो को  गर्म पानी मे उबाल कर पानी पीने से सर्दी- जुकाम जल्दी ठीक होता है। कफ वाली खांसी मे भी कलौंजी को पानी मे उबाल कर गर्म गुनगुने पानी का उपयोग करने से जल्द फायदा होता है। सर्दी या सर दर्द मे गर्म पानी मे कलौंजी को डालकर इसकी भाप ले तो इससे सर दर्द और सर्दी दोनो मे फायदा होता है।


               

                   मधुमेह या शुगर में फायदेमंद

कलौंजी मे उपस्थित पोषक तत्व की वजह से यह मधुमेह रोग मे कारगर है। कलौंजी टाइप-2 मधुमेह मे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने मे मदद करती है।


             

                ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक

कलौंजी रक्त वाहिनी नाडीयों को साफ करके रक्त में मौजूद दूषित गंदगीयो को बाहर निकालने का काम करती है। जिससे ह्रदय को क्षति नही पहुंच पाती । कलौंजी खराब कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करके दिल या ह्रदय को स्वस्थता प्रदान करती है।


                   


       रक्तचाप या ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में 

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में कलौंजी अहम भूमिका अदा करती है। कलौंजी का तेल का प्रयोग ब्लड प्रेशर में फायदेमंद होता है।



                   याद्दाश्त बढ़ाने में सहायक

नियमित नियमानुसार कलौंजी के सेवन से स्मरणशक्ति में इजाफा होता है। बच्चो मे जंहा इसके सेवन से स्मरणशक्ति तेजी से बढ़ती है वही बुजुर्गो मे इसके सेवन से कमजोर याद्दाश्त में सुधार होता है।


                 


                   सरदर्द व पेटदर्द में राहत

सर दर्द व पेट दर्द होने पर कलौंजी का तेल कारगर घरेलु उपचार है। कलौंजी के तेल की मालिश से मानसिक तनाव दूर होता है और सरदर्द में राहत मिलती है। इसी तरह पेटदर्द होने पर कलौंजी के तेल को गुनगुने पानी मे शहद डालकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है।



                   बालो के लिए बहुत उपयोगी 

कलौंजी बालो के लिए एक हर्बल टानिक की तरह कार्य करता है। कलौंजी बालो की अनेक समस्यों जैसे- बाल झड़ना, रूखे होना, सफेद होना तथा रूसी या डेंड्रफ आदि समस्या के लिए अद्भूत व कारगर  ईलाज है। इसके तेल के प्रयोग से बाल तेजी से बढ़ते है।



                शारीरिक सूजन को कम करना


कलौंजी के बीजो में सूजन रोधी गुण होते है। जो कि कई तरह की सूजन को दूर करने में मददगार है। यह जोडो के दर्द में भी राहत का कार्य करती है। शरीर में किसी स्थान पर सूजन आने पर इसके लेप का प्रयोग करने से सूजन कम होती है।


 




 

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