नटखट चूहा
चिंकी नामक चूहे को बहुत ही बढ़िया घर मील गया। जब चाहे वह कीचन में जाकर कुछ खा लेता तो जब चाहे वह सोफे पर आराम से पसर कर सो जाता।
इस घर में सोहन नाम का लडक़ा था, जो कि कक्षा छठीं में पढता है और उसके मम्मी पापा रहते थे। सोहन के स्कुल चले जाने और उसके मम्मी पापा दोनो के ऑफिस चले जाने के बाद तो चूहे के मजे ही मजे हो जाते थे।
एक दिन सोहन की मम्मी ने शर्बत बना कर मेज़ पर रख दिया। शर्बत की रस भरी खुशबु चिंकी चूहे तक बार-बार जा रहीं थी, जिससे उसकी भूख बढ़ गई ।
जेसे ही घर के सदस्य बाहर गए, वैसे ही चिंकी अपने बिल से निकल कर उछलता हुआ मेज़ पर रखे शर्बत तक पहुंच ही गया पर यह क्या ??🤔.... शर्बत तो एक शीशी के अंदर भरा था और चिंकी का मुंह उस शीशी के अंदर नहीं जा पा रहा था। चिंकी ने बार-बार कोशिश की। अंततः वह थक-हार कर पास के सोफे पर बैठ गया।
अचानक उसे कुछ सूझा और वह उछलता हुआ पुनः शीशी तक पहुंच गया।अब चिंकी चूहे ने अपनी पूंछ हिलाई और शीशी के अंदर डाल दी। पूंछ में लगें शर्बत को चिंकी ने चाट लिया और चिंकी बार-बार यह तब तक करता रहा, जब तक उसकी शर्बत की भूख पूरी तरह शांत ना हो गई हो।
अब चिंकी अपने पेट पर हाथ फिराता हुआ शीशी की तरफ देख मुस्करा रहा था।।
नैतिक शिक्षा -- किसी भी कार्य को साहस और बुद्धिमानी से पूरा किया जा सकता है।
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